दुःख शायरी मतलब सैड शायरी, जो लोगो की उदासी और दुख को व्यक्त करता है। ये शायरी अक्सर लोग तब भेजते या सोशल मीडिया पर शेयर करते है जब वो प्यार में दिल टूटने या अपनी जिंदगी में दुखी होते है। Garibi Shayari दर्द, पीड़ा और खोये हुवे प्रेम की लालसा और दर्शाता है।
छीन लेता है हर चीज मुझसे ऐ खुदा !!
क्या तू मुझसे भी ज्यादा गरीब है !!
अमीरी का हिसाब तो दिल देख के किजिए साहब !!
वर्ना गरीबी तो कपडों से ही झलक जाती है !!
ऐ सियासत तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया !!
गरीबों को गरीब अमीरों को माला-माल कर दिया !!
Garibi Shayari in Hindi
अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी !!
जिसे भी मौका मिलता है वो पीता जरुर है !!
परिस्थिति है ये मेरी विचार नहीं !!
गरीब जरूर हूँ मैं साहब लाचार नहीं !!
गरीबी मिटाने का हैं बस एक ही तरीका !!
पढ़ाई करो और बदलो अपना सलीका !!
बहुत अमीर है उसका नया दोस्त !!
उसने मेरी मोहब्बत भी खरीद ली !!
चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख ने !!
सब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया !!
यूँ तो खिलाफत के कोई भी फिलाफ नही है !!
फिर क्यों गरीबी के बदन पर लिहाफ नही है !!
वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं !!
आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं !!
Garibi Shayari in Hindi
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Garibi Shayari
हम सबको इकोनामी की फिक्र है लेकिन !!
उस गरीब की जुबा पर रोटी का जिक्र है !!
गरीबों के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में !!
तभी तो भगवान खुद बिक जाते हैं बाजारों में !!
यहाँ तो गरीब को मरने की जल्दी यूँ भी है !!
कि कहीं कफन महंगा ना हो जाए !!
वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं !!
आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं !!
उन घरों में जहाँ मिटटी के घड़े रहते है !!
कद में छोटे मगर लोग बड़े रहते हैं !!
ये गंदगी तो महल वालों ने फैलाई है साहब !!
वरना गरीब तो सड़कों से थैलीयाँ तक उठा लेते हैं !!
नन्हें बच्चों के सवालात से डर जाता हूँ
जेब खाली हो तो मैं देर से घर जाता हूँ !!
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है !!
वो मजदूर जो शहर में ऊंची इमारतें बनाता है !!
उन घरो में जहाँ मिट्टी कि घड़े रखते हैं !!
कद में छोटे मगर लोग बड़े रखते हैं !!
हजारों दोस्त बन जाते हैं जब पैसा पास होता है !!
टूट जाता है गरीबी में जो रिश्ता खास होता है !!
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Garibi Shayari in Hindi
अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है !!
गरीबी जानती है घर में बिछौने कम हैं !!
जरा सी आहट पर जाग जाता है वो रातो को !!
ऐ खुदा गरीब को बेटी दे तो दरवाजा भी दे !!
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है !!
वो मजदूर जो शहर में ऊँची इमारते बनाता है !!
तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है !!
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है !!
मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा देना !!
हकीम बहुत हैं बाजार में अमीरो के इलाज के खातिर !!
किस्मत को खराब बोलने वालों !!
कभी किसी गरीब के पास बैठकर !!
पूछना जिंदगी क्या है !!
मैं क्या मुहब्बत करू किसी से !!
मै तो गरीब हूँ
लोग अक्सर बिकते हैं और !!
खरीदना मेरे बस में नहीं !!
दिल को बड़ा सुकून आता है !!
किसी गरीब की सहायता करने !!
पर जब वह मुस्कुराता है !!
बड़ी बेशरम होती है ये गरीबी !!
कमबख्त उम्र का भी !!
लिहाज नहीं करती !!
आज तक बस एक ही बात समझ नहीं आती !!
जो लोग गरीबों के हक के लिए लड़ते हैं !!
वो कुछ वक्त के बाद अमीर कैसे बन जाते हैं !!
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Garibi Shayari Hindi
सुक्र है की मौत सबको आती है !!
वरना अमीर इस बात का भी !!
मजाक उड़ाते कि गरीब था
इसलिए मर गया !!
खुले आकाश के नीचे !!
भी अच्छी नींद पा लेते है !!
गरीब थोड़ी सब्जी में !!
भी चार रोटी खा लेते हैं !!
साथ सभी ने छोड़ दिया !!
लेकिन ऐ-गरीबी !!
तू इतनी वफादार कैसे निकली !!
किसी गरीब को देखकर मुह मत !!
फेरना साहब क्योकि उसे भी उसी ने !!
बनाया है जिसने आपको अमीर बनाया है !!
मुफ्त में तो बस गरीबी आती है !!
बाकी सब तो रईसी !!
से खरीदी जा सकती है !!
सबसे बड़ा गरीब वो है !!
जो रूपये होते हुए भी !!
किसी की मदद ना करे !!
गरीबी पर शायरी
खुदा के दिल को भी सुकून आता होगा !!
जब कोई गरीब चेहरा मुस्कुराता होगा !!
सुबह से रात हो गई कतार बहुत लम्बी थी !!
ये दो वक्त की रोटी आज फिर मेरा !!
अधूरा ख्वाब हो गई !!
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garibi par shayari
कभी आंसू तो कभी खुशी बेची !!
हम गरीबो ने बेकसी बेची !!
चंद सासे खरीदने के लिए
रोज थोड़ी सी जिंदगी बेची !!
छीन लेता है हर चीज मुझसे ऐ खुदा !!
क्या तू मुझसे भी ज्यादा गरीब है !!
अमीरी का हिसाब तो दिल देख के किजिए साहब !!
वर्ना गरीबी तो कपडों से ही झलक जाती है !!
ऐ सियासत तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया !!
गरीबों को गरीब अमीरों को माला-माल कर दिया !!
अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी !!
जिसे भी मौका मिलता है वो पीता जरुर है !!
परिस्थिति है ये मेरी विचार नहीं !!
गरीब जरूर हूँ मैं साहब लाचार नहीं !!
गरीबी मिटाने का हैं बस एक ही तरीका !!
पढ़ाई करो और बदलो अपना सलीका !!
बहुत अमीर है उसका नया दोस्त !!
उसने मेरी मोहब्बत भी खरीद ली !!
चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख ने !!
सब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया !!
यूँ तो खिलाफत के कोई भी फिलाफ नही है !!
फिर क्यों गरीबी के बदन पर लिहाफ नही है !!
वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं !!
आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं !!
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garibi ki shayari
हम सबको इकोनामी की फिक्र है लेकिन !!
उस गरीब की जुबा पर रोटी का जिक्र है !!
गरीबों के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में !!
तभी तो भगवान खुद बिक जाते हैं बाजारों में !!
यहाँ तो गरीब को मरने की जल्दी यूँ भी है !!
कि कहीं कफन महंगा ना हो जाए !!
वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं !!
आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं !!
उन घरों में जहाँ मिटटी के घड़े रहते है !!
कद में छोटे मगर लोग बड़े रहते हैं !!
ये गंदगी तो महल वालों ने फैलाई है साहब !!
वरना गरीब तो सड़कों से थैलीयाँ तक उठा लेते हैं !!
नन्हें बच्चों के सवालात से डर जाता हूँ
जेब खाली हो तो मैं देर से घर जाता हूँ !!
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है !!
वो मजदूर जो शहर में ऊंची इमारतें बनाता है !!
उन घरो में जहाँ मिट्टी कि घड़े रखते हैं !!
कद में छोटे मगर लोग बड़े रखते हैं !!
हजारों दोस्त बन जाते हैं जब पैसा पास होता है !!
टूट जाता है गरीबी में जो रिश्ता खास होता है !!
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shayari garibi
अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है !!
गरीबी जानती है घर में बिछौने कम हैं !!
जरा सी आहट पर जाग जाता है वो रातो को !!
ऐ खुदा गरीब को बेटी दे तो दरवाजा भी दे !!
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है !!
वो मजदूर जो शहर में ऊँची इमारते बनाता है !!
तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है !!
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है !!
मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा देना !!
हकीम बहुत हैं बाजार में अमीरो के इलाज के खातिर !!
किस्मत को खराब बोलने वालों !!
कभी किसी गरीब के पास बैठकर !!
पूछना जिंदगी क्या है !!
मैं क्या मुहब्बत करू किसी से !!
मै तो गरीब हूँ
लोग अक्सर बिकते हैं और !!
खरीदना मेरे बस में नहीं !!
दिल को बड़ा सुकून आता है !!
किसी गरीब की सहायता करने !!
पर जब वह मुस्कुराता है !!
बड़ी बेशरम होती है ये गरीबी !!
कमबख्त उम्र का भी !!
लिहाज नहीं करती !!
आज तक बस एक ही बात समझ नहीं आती !!
जो लोग गरीबों के हक के लिए लड़ते हैं !!
वो कुछ वक्त के बाद अमीर कैसे बन जाते हैं !!
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garibi sad shayari
सुक्र है की मौत सबको आती है !!
वरना अमीर इस बात का भी !!
मजाक उड़ाते कि गरीब था
इसलिए मर गया !!
खुले आकाश के नीचे !!
भी अच्छी नींद पा लेते है !!
गरीब थोड़ी सब्जी में !!
भी चार रोटी खा लेते हैं !!
साथ सभी ने छोड़ दिया !!
लेकिन ऐ-गरीबी !!
तू इतनी वफादार कैसे निकली !!
किसी गरीब को देखकर मुह मत !!
फेरना साहब क्योकि उसे भी उसी ने !!
बनाया है जिसने आपको अमीर बनाया है !!
मुफ्त में तो बस गरीबी आती है !!
बाकी सब तो रईसी !!
से खरीदी जा सकती है !!
सबसे बड़ा गरीब वो है !!
जो रूपये होते हुए भी !!
किसी की मदद ना करे !!
गरीबी पर शायरी
खुदा के दिल को भी सुकून आता होगा !!
जब कोई गरीब चेहरा मुस्कुराता होगा !!
सुबह से रात हो गई कतार बहुत लम्बी थी !!
ये दो वक्त की रोटी आज फिर मेरा !!
अधूरा ख्वाब हो गई !!
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amiri garibi shayari
कभी आंसू तो कभी खुशी बेची !!
हम गरीबो ने बेकसी बेची !!
चंद सासे खरीदने के लिए
रोज थोड़ी सी जिंदगी बेची !!
छीन लेता है हर चीज मुझसे ऐ खुदा !!
क्या तू मुझसे भी ज्यादा गरीब है !!
अमीरी का हिसाब तो दिल देख के किजिए साहब !!
वर्ना गरीबी तो कपडों से ही झलक जाती है !!
ऐ सियासत तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया !!
गरीबों को गरीब अमीरों को माला-माल कर दिया !!
अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी !!
जिसे भी मौका मिलता है वो पीता जरुर है !!
परिस्थिति है ये मेरी विचार नहीं !!
गरीब जरूर हूँ मैं साहब लाचार नहीं !!
गरीबी मिटाने का हैं बस एक ही तरीका !!
पढ़ाई करो और बदलो अपना सलीका !!
बहुत अमीर है उसका नया दोस्त !!
उसने मेरी मोहब्बत भी खरीद ली !!
चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख ने !!
सब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया !!
यूँ तो खिलाफत के कोई भी फिलाफ नही है !!
फिर क्यों गरीबी के बदन पर लिहाफ नही है !!
वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं !!
आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं !!
इसे भी पढ़े:-Best Happy New year In Hindi { नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देने के लिएआप ये संदेश भेज सकते हैं
garibi ke upar shayari
हम सबको इकोनामी की फिक्र है लेकिन !!
उस गरीब की जुबा पर रोटी का जिक्र है !!
गरीबों के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में !!
तभी तो भगवान खुद बिक जाते हैं बाजारों में !!
यहाँ तो गरीब को मरने की जल्दी यूँ भी है !!
कि कहीं कफन महंगा ना हो जाए !!
वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं !!
आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं !!
उन घरों में जहाँ मिटटी के घड़े रहते है !!
कद में छोटे मगर लोग बड़े रहते हैं !!
ये गंदगी तो महल वालों ने फैलाई है साहब !!
वरना गरीब तो सड़कों से थैलीयाँ तक उठा लेते हैं !!
नन्हें बच्चों के सवालात से डर जाता हूँ
जेब खाली हो तो मैं देर से घर जाता हूँ !!
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है !!
वो मजदूर जो शहर में ऊंची इमारतें बनाता है !!
उन घरो में जहाँ मिट्टी कि घड़े रखते हैं !!
कद में छोटे मगर लोग बड़े रखते हैं !!
हजारों दोस्त बन जाते हैं जब पैसा पास होता है !!
टूट जाता है गरीबी में जो रिश्ता खास होता है !!
इसे भी पढ़े:-Best Happy New Year Wishes in Hindi { नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
sad shayari garibi
अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है !!
गरीबी जानती है घर में बिछौने कम हैं !!
जरा सी आहट पर जाग जाता है वो रातो को !!
ऐ खुदा गरीब को बेटी दे तो दरवाजा भी दे !!
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है !!
वो मजदूर जो शहर में ऊँची इमारते बनाता है !!
तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है !!
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है !!
मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा देना !!
हकीम बहुत हैं बाजार में अमीरो के इलाज के खातिर !!
किस्मत को खराब बोलने वालों !!
कभी किसी गरीब के पास बैठकर !!
पूछना जिंदगी क्या है !!
मैं क्या मुहब्बत करू किसी से !!
मै तो गरीब हूँ
लोग अक्सर बिकते हैं और !!
खरीदना मेरे बस में नहीं !!
दिल को बड़ा सुकून आता है !!
किसी गरीब की सहायता करने !!
पर जब वह मुस्कुराता है !!
बड़ी बेशरम होती है ये गरीबी !!
कमबख्त उम्र का भी !!
लिहाज नहीं करती !!
आज तक बस एक ही बात समझ नहीं आती !!
जो लोग गरीबों के हक के लिए लड़ते हैं !!
वो कुछ वक्त के बाद अमीर कैसे बन जाते हैं !!
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garibi shayari hindi
सुक्र है की मौत सबको आती है !!
वरना अमीर इस बात का भी !!
मजाक उड़ाते कि गरीब था
इसलिए मर गया !!
खुले आकाश के नीचे !!
भी अच्छी नींद पा लेते है !!
गरीब थोड़ी सब्जी में !!
भी चार रोटी खा लेते हैं !!
साथ सभी ने छोड़ दिया !!
लेकिन ऐ-गरीबी !!
तू इतनी वफादार कैसे निकली !!
किसी गरीब को देखकर मुह मत !!
फेरना साहब क्योकि उसे भी उसी ने !!
बनाया है जिसने आपको अमीर बनाया है !!
मुफ्त में तो बस गरीबी आती है !!
बाकी सब तो रईसी !!
से खरीदी जा सकती है !!
सबसे बड़ा गरीब वो है !!
जो रूपये होते हुए भी !!
किसी की मदद ना करे !!
गरीबी पर शायरी
खुदा के दिल को भी सुकून आता होगा !!
जब कोई गरीब चेहरा मुस्कुराता होगा !!
सुबह से रात हो गई कतार बहुत लम्बी थी !!
ये दो वक्त की रोटी आज फिर मेरा !!
अधूरा ख्वाब हो गई !!
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garibi aur amiri ki shayari
कभी आंसू तो कभी खुशी बेची !!
हम गरीबो ने बेकसी बेची !!
चंद सासे खरीदने के लिए
रोज थोड़ी सी जिंदगी बेची !!
अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है !!
गरीबी जानती है घर में बिछौने कम हैं !!
जरा सी आहट पर जाग जाता है वो रातो को !!
ऐ खुदा गरीब को बेटी दे तो दरवाजा भी दे !!
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है !!
वो मजदूर जो शहर में ऊँची इमारते बनाता है !!
तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है !!
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है !!
मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा देना !!
हकीम बहुत हैं बाजार में अमीरो के इलाज के खातिर !!
किस्मत को खराब बोलने वालों !!
कभी किसी गरीब के पास बैठकर !!
पूछना जिंदगी क्या है !!
मैं क्या मुहब्बत करू किसी से !!
मै तो गरीब हूँ
लोग अक्सर बिकते हैं और !!
खरीदना मेरे बस में नहीं !!
दिल को बड़ा सुकून आता है !!
किसी गरीब की सहायता करने !!
पर जब वह मुस्कुराता है !!
बड़ी बेशरम होती है ये गरीबी !!
कमबख्त उम्र का भी !!
लिहाज नहीं करती !!
आज तक बस एक ही बात समझ नहीं आती !!
जो लोग गरीबों के हक के लिए लड़ते हैं !!
वो कुछ वक्त के बाद अमीर कैसे बन जाते हैं !!
सुक्र है की मौत सबको आती है !!
वरना अमीर इस बात का भी !!
मजाक उड़ाते कि गरीब था
इसलिए मर गया !!
खुले आकाश के नीचे !!
भी अच्छी नींद पा लेते है !!
गरीब थोड़ी सब्जी में !!
भी चार रोटी खा लेते हैं !!
साथ सभी ने छोड़ दिया !!
लेकिन ऐ-गरीबी !!
तू इतनी वफादार कैसे निकली !!
किसी गरीब को देखकर मुह मत !!
फेरना साहब क्योकि उसे भी उसी ने !!
बनाया है जिसने आपको अमीर बनाया है !!
मुफ्त में तो बस गरीबी आती है !!
बाकी सब तो रईसी !!
से खरीदी जा सकती है !!